असामान्य मनोविज्ञान में चिंता एवं उससे उत्पन्न मानसिक विकृतियों पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया है।
चिंता से तात्पर्य डर एवं आशंका के दुखद भाव से होता है इस तरह के चिंता से कई तरह की मानसिक विकृतियों की उत्पत्ति होती है जिसे पहले एक सामान्य नैदानिक श्रेणी में अर्थात स्नायुविकृति (neurosis) या मनोस्नायुविकृति (psychoneurosis) में रखा गया था।
स्नायुविकृति पद का प्रयोग सबसे पहले अंग्रेज वैज्ञानिक विलियम कूलेन द्वारा स्नायुमंडल के विकृत संवेदनों के लिए सन् 1769 में प्रकाशित किताब System of Nosology में किया गया था।
बाद में फ्रायड तथा उनके सहयोगियों ने स्नायु विकृति का उपयोग चिंता से उत्पन्न मानसिक रोगों के लिए किया।
स्नायुविकृति में कई तरह के मानसिक विकृतियों को रखा गया था जिसमें चिंता स्नायुविकृति, दुर्भीती स्नायुविकृति, रुपांतर स्नायुविकृति, रोगभ्रम स्नायुविकृति, मनोग्रस्तता बाध्यता स्नायुविकृति आदि को रखा गया था।
इन सबके अलग अलग लक्षण या नैदानिक स्वरूप होने के कारण स्नायु विकृति जैसे नैदानिक श्रेणी को अमान्य घोषित कर दिया गया। और DSM IV (TR) में स्नायु विकृति जैसी पुरानी श्रेणी को तीन नये प्रमुख भागों में बांट दिया गया।
- Anxiety Disorder
- Somatoform Disorder
- Dissociative Disorder
Anxiety desorder (चिंता विकृति)
DSM IV (TR) में चिंता विकृति से तात्पर्य वैसे विकृति से होता है जिसमें रोगी में अवास्तविक चिंता एवं अतार्किक डर की मात्रा इतनी अधिक होती है कि उससे उसका सामान्य जिंदगी का व्यवहार अपनुकुलित हो जाता है तथा इसमें व्यक्ति अपने चिंता की अभिव्यक्ति बिल्कुल ही स्पष्ट रूप से करता है।
DSM IV (TR) में चिंता विकृति के निम्नांकित छः प्रमुख प्रकार बतलाये गये हैं -
- Phobia
- Panic disorder
- Generalized anxiety disorder
- Obsessive Compulsive disorder
- Post traumatic stress disorder
- Active stress disorder
इन सभी विकृतियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पर क्लिक करें।
Somatoform Desorder (कायप्रारूप विकृति)
इस विकृति में व्यक्ति को दैहिक या कायिक समस्याएं होती हैं लेकिन उन समस्याओं या लक्षणों का कोई दैहिक या कायिक कारण नहीं होता है परन्तु व्यक्ति को ऐसा विश्वास होता है कि उनकी समस्याएं वास्तविक तथा गंभीर हैंं।
पांच कसौटियों के आधार पर यह कहा जा सकता है व्यक्ति में कायप्रारूप विकृति है या नहीं।
- व्यक्ति में बहरापन या पक्षाघात के लक्षण उपस्थित हों।
- व्यक्ति में बहरापन या पक्षाघात के लक्षण मस्तिष्कीय क्षति के कारण उत्पन्न न हुए हों।
- व्यक्ति के दैहिक लक्षण मनोवैज्ञानिक कारकों से संबंधित हों।
- व्यक्ति को अपनी दैहिक लक्षणों के प्रति कोई विशेष चिंता नहीं हो।
- व्यक्ति द्वारा दिखलाया गया चिंता उसके ऐच्छिक नियंत्रण के बाहर हो।
कायप्रारूप विकृति के मुख्य पांच प्रकार बतलाये गये हैं -
- Body Dysmorphic Disorder
- Hypochondriasis
- Somatization Disorder
- Somatoform Pain Disorder
- Conversion Disorder or conversion hysteria
इन विकृतियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक (https://www.eduarmy.in/somatoform-disorder-type-symptoms-causes-treatment.html) पर क्लिक करें।
Dissociative Disorder (मनोविच्छेदी विकृति)
मनोविच्छेदी विकृति एक सामान्य मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति की स्मृति या चेतना विच्छेदित हो जाती है। अर्थात स्मृति का कुछ क्षेत्र चेतन से विच्छेदित होकर अलग हो जाता है जिससे व्यक्ति खुद को और अपने वातावरण को अलग तरीके से प्रत्यक्षण करने लगता है। इस दौरान उसे पांच तरह की मुख्य अनुभूतियां हो सकती हैं -
1. स्मृतिलोप (amensia)
स्मृतिलोप में रोगी अपने पूर्व अनुभूतियों का आंशिक या पूर्ण रूप से प्रत्याह्नान (recall) करने में असमर्थ रहता है।
2. व्यक्तित्वलोप (depersonalization)
इसमें रोगी अपने आप से असम्बद्ध (datached) महसूस करता है। रोगी को ऐसा महसूस होता है कि वह कोई धारा में बह रहा है या वह अपने ही गतिविधियों से बाहर से खड़ा होकर देख रहा है।
3. वास्तविकता लोप (derealization)
इसमें रोगी को पूरा वातावरण ही अवास्तविक एवं अविश्वसनीय लगता है।
4. पहचान संभ्राति (identity confusion)
इसमें रोगी को अपने बारे में यह संभ्राति (confusion) उत्पन्न होती है कि वह कौन है, क्या है आदि-आदि।
5. पहचान बदलाव (identity alteration)
इसमें रोगी कभी-कभी कुछ आश्चर्य उत्पन्न करने वाले कौशलों से अपने को लैश पाता है। रोगी को आश्चर्य इसलिए होता है कि उसे पता भी नहीं रहता है कि उसमें ऐसा कौशल है। जैसे सम्भव है कभी-कभी रोगी विदेशी भाषा के कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग करके अपने सम्भाषण को आकर्षक बना देता है और उसे आश्चर्य होने लगता है।
मनोविच्छेदी विकृति के प्रकार
मनोविच्छेदी विकृति के कई प्रकार बतलाये गये हैं जिनमें निम्नांकित चार प्रमुख हैं-
- Dissociative amensia
- Dissociative fugue
- Dissociative Indentity disorder (DID)
- Depersonalization disorder
इनके बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक (https://www.eduarmy.in/dissociative-disorder-types.html) पर क्लिक करें।
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