पूर्वाग्रह अंग्रेजी शब्द "prejudice" का हिन्दी रूपांतरण है "prejudice" शब्द लैटिन भाषा के शब्दों से मिलकर बना है "pre" तथा "judicium"।
जहां pre का अर्थ है पहले या पूर्व।
तथा judicium का अर्थ है निर्णय (judgment)।
अतः शाब्दिक अर्थ को ध्यान में रखकर तब यह कहा जा सकता है कि पूर्वाग्रह से तात्पर्य व्यक्ति के किसी वस्तु , तथ्य, घटना तथा अन्य व्यक्ति के बारे में एक पूर्व निर्णय से होता है।
(Secord & Backman ,1974) के अनुसार " पूर्वाग्रह एक मनोवृत्ति है जो व्यक्ति को किसी समूह या उसके सदस्यों के प्रति अनुकूल या प्रतिकूल ढंगो से सोचने, प्रत्यक्षण करने तथा क्रिया करने के लिए पहले से ही तत्पर बना देती है।"
अतः शाब्दिक अर्थ को ध्यान में रखकर तब यह कहा जा सकता है कि पूर्वाग्रह से तात्पर्य व्यक्ति के किसी वस्तु , तथ्य, घटना तथा अन्य व्यक्ति के बारे में एक पूर्व निर्णय से होता है।
(Secord & Backman ,1974) के अनुसार " पूर्वाग्रह एक मनोवृत्ति है जो व्यक्ति को किसी समूह या उसके सदस्यों के प्रति अनुकूल या प्रतिकूल ढंगो से सोचने, प्रत्यक्षण करने तथा क्रिया करने के लिए पहले से ही तत्पर बना देती है।"
(Baron & Byrne ,1977) के अनुसार " समाज मनोविज्ञान में पूर्वाग्रह को सामान्यतः किसी प्रजातीय, मानवजातीय या धार्मिक समूह के सदस्यों के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है।"
(Feldman ,1985) के अनुसार " किसी समूह के सदस्यों के प्रति ऐसी स्वीकारात्मक निर्णय या मूल्यांकन को पूर्वाग्रह कहा जाता है जो मुख्यतः उस सदस्य के सदस्यता पर आधारित होता है न कि सदस्यों के विशेष गुणों पर।"
पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति है कुछ समाज मनोवैज्ञानिकों ने इसे स्वीकारात्मक मनोवृत्ति तथा कुछ ने इसे नकारात्मक मनोवृत्ति माना है।
स्वीकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में पूर्वाग्रह होने पर व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति अत्यधिक स्नेह एवं प्यार दिखलाता है तथा परिस्थिति विपरित होने पर भी विवेकपूर्ण विचारों को ही व्यक्त करता है। जैसे - यदि कोई प्रोफ़ेसर अपने किसी छात्र के प्रति स्वीकारात्मक रूप से पूर्वाग्रहित होते हैं तो किसी अन्य छात्र द्वारा उसके बारे में शिकायत किये जानें पर भी वे उस छात्र के प्रति अपना स्नेह प्यार एवं विवेकपूर्ण विचार बनाये रखते हैं।
नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में पूर्वाग्रह होने पर व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति घृणा दिखलाता है एवं विवेकहीन विचारों को व्यक्त करता है। जैसे - भारतीय समाज में दलितों के प्रति उच्च जाति के लोग प्रायः नकारात्मक रुप से पूर्वाग्रहित होते हैं। यही कारण है कि प्रायः दलितों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा उसके प्रति अधिक भेदभाव व्यक्त करते है।
पूर्वाग्रह चाहे स्वीकारात्मक हो या नकारात्मक यह एक मनोवृत्ति (attitude) है इसलिए इसमें मनोवृत्ति के तीनों संघटक मौजूद होते हैं-
पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति है कुछ समाज मनोवैज्ञानिकों ने इसे स्वीकारात्मक मनोवृत्ति तथा कुछ ने इसे नकारात्मक मनोवृत्ति माना है।
स्वीकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में पूर्वाग्रह होने पर व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति अत्यधिक स्नेह एवं प्यार दिखलाता है तथा परिस्थिति विपरित होने पर भी विवेकपूर्ण विचारों को ही व्यक्त करता है। जैसे - यदि कोई प्रोफ़ेसर अपने किसी छात्र के प्रति स्वीकारात्मक रूप से पूर्वाग्रहित होते हैं तो किसी अन्य छात्र द्वारा उसके बारे में शिकायत किये जानें पर भी वे उस छात्र के प्रति अपना स्नेह प्यार एवं विवेकपूर्ण विचार बनाये रखते हैं।
नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में पूर्वाग्रह होने पर व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति घृणा दिखलाता है एवं विवेकहीन विचारों को व्यक्त करता है। जैसे - भारतीय समाज में दलितों के प्रति उच्च जाति के लोग प्रायः नकारात्मक रुप से पूर्वाग्रहित होते हैं। यही कारण है कि प्रायः दलितों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा उसके प्रति अधिक भेदभाव व्यक्त करते है।
पूर्वाग्रह चाहे स्वीकारात्मक हो या नकारात्मक यह एक मनोवृत्ति (attitude) है इसलिए इसमें मनोवृत्ति के तीनों संघटक मौजूद होते हैं-
- संज्ञानात्मक संघटक
- भावात्मक संघटक
- व्यवहारात्मक संघटक
पूर्वाग्रह की स्थिति में संज्ञानात्मक संघटक से तात्पर्य किसी व्यक्ति या वस्तु के प्रति उन विचारों एवं विश्वासों से होता है जो एकतरफा तथा अनुचित होते हैं इसकी अभिव्यक्ति प्रायः रूढ़िकृतियों (stereotypes) के रूप में होती है। जैसे - उच्च जातियों का यह विचार की दलित गंदे, गंवार तथा अछूत होते हैं।
पूर्वाग्रह के भावात्मक संघटक में दूसरे समूह के सदस्यों का नकारात्मक मूल्यांकन किया जाता है जिसमें प्रायः घृणा, डर एवं विद्वेष का भाव आदि होता है जैसे - उच्च जातियों द्वारा दलितों को घृणा एवं विद्वेष दिखलाना।
पूर्वाग्रह का व्यवहारात्मक संघटक में व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति खुलकर विभेद, अलगाव तथा अन्य दूसरे तरह के अप्रिय व्यवहार करता है। जैसे - उच्च जाति के लोगों द्वारा विशेषकर गाॅंवो में दलितों को कुएं से पानी नहीं लेने देना, गाॅंव में अलग झुग्गी-झोपड़ी में रहने के लिए उन्हें बाध्य करना, मन्दिर में प्रवेश नहीं करने देना आदि।
पूर्वाग्रह की प्रकृति (Nature of prejudice)
- पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति है।
- पूर्वाग्रह को कुछ समाज मनोवैज्ञानिको ने स्वीकारात्मक तथा कुछ ने नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में परिभाषित किया है।
- पूर्वाग्रह चाहे नकारात्मक हो या स्वीकारात्मक इसमें मनोवृत्ति के तीनों संघटक मौजूद होते हैं।
- पूर्वाग्रह के संज्ञानात्मक संघटक की अभिव्यक्ति रूढ़ि कृतियों के रूप में होती है।
- पूर्वाग्रह के भावात्मक संघटक में व्यक्ति में घृणा एवं विद्वेष की भावना होती है।
- पूर्वाग्रह के भावात्मक संघटक के रूप में व्यक्ति पूर्वाग्रहित समूहों या व्यक्तियों के प्रति विभेद, अलगाव तथा अन्य अप्रिय व्यवहारों को दिखलाता है।
विभेद (discrimination)
पूर्वाग्रह के व्यवहारात्मक अभिव्यक्ति को विभेद कहते हैं।
Feldman 1985 के अनुसार " पूर्वधारणा की व्यवहारात्मक अभिव्यक्ति विभेद कहलाती है। विभेद में किसी खास समूह में सदस्यता के कारण उस समूह के सदस्यों के साथ धनात्मक या ऋणात्मक ढंग से व्यवहार किया जाता है।"
Allport 1954 के अनुसार पूर्वाग्रह से पांच तरह की क्रियाएं उत्पन्न होती हैं जिसमें से एक विभेद है। और अन्य चार इस प्रकार हैं-
- प्रतिवाग्मिता (antilocution)
- परिहार (avoidance)
- शारीरिक हमला (physical attack)
- उन्मूलन (extermination)
पूर्वाग्रह के प्रकार (types of prejudice)
समाज मनोवैज्ञानिकों ने पूर्वाग्रह के कई प्रकार बतलाये है पश्चिमी मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्रजातीय पूर्वाग्रह, यौन पूर्वाग्रह, उम्र पूर्वाग्रह अधिक प्रमुख हैं। भारतीय मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इन पूर्वाग्रहों के अलावा कुछ अन्य विशिष्ट पूर्वाग्रह भी पाये जाते हैं। जिसमें जातीय पूर्वाग्रह, भाषा पूर्वाग्रह, साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह, क्षेत्रीय पूर्वाग्रह, धर्म से संबंधित पूर्वाग्रह तथा राजनीति से संबंधित पूर्वाग्रह अधिक महत्वपूर्ण हैं।
1. प्रजातीय पूर्वाग्रह (Racial prejudice)
प्रजातीय पूर्वाग्रह में व्यक्ति दूसरी प्रजाति के लोगों के प्रति पूर्वाग्रहित होता है। जैसे - अमेरिका में गोरे लोग निग्रो को कम बुद्धि का एवं असभ्य समझते हैं। भारत में भी प्रजातीय पूर्वाग्रह के उदाहरण मिलते हैं जैसे - मुस्लिम गंदे होते हैं, बिहारी लोग बुध्दू एवं झगड़ालू होते हैं आदि।
2. यौन पूर्वाग्रह (sex prejudice)
यौन पूर्वाग्रह से तात्पर्य किसी यौन के व्यक्तियों के प्रति खास तरह का पूर्वाग्रह होता है जैसे - महिलाओं को कमजोर, दूसरों पर निर्भर रहने वाली, घर में रहने वाली कठपुतली, सहानुभूति दिखलाने वाली एवं नेतृत्व गुणरहित समझा जाता है।
तथा पुरुषों को मेहनती, नेतृत्व गुणों से ओत-प्रोत, प्रभुत्वशाली तथा स्वतंत्र समझा जाता है।
3. उम्र पूर्वाग्रह (Age prejudice)
उम्र पूर्वाग्रह का आधार उम्र होता है जैसे - बूढ़े लोगों को निष्क्रिय, असामाजिक तथा जराजीर्ण समझना आदि।
4. जाति पूर्वाग्रह (Caste prejudice)
भारत में विभिन्न जाति के लोग रहते हैं प्रायः देखा गया है कि एक जाति के लोग दूसरी जाति के लोगों को अपने से तुच्छ एवं गिरा हुआ समझते हैं इसे जाति पूर्वाग्रह की संज्ञा दी जाती है।
5. भाषा पूर्वाग्रह (Language prejudice)
भारत में अनेकों प्रकार की भाषाएं बोली जाती है जिससे भाषा पूर्वाग्रह का जन्म होता है। इस तरह के पूर्वाग्रह में एक भाषा बोलने वाले लोग अपने आप को एक ही समूह का सदस्य मानकर आपस में एकता दिखलाते हैं तथा दूसरी भाषा बोलने वाले लोगों को अपने से तुच्छ समझकर उनके प्रति कुछ विद्वेष भाव दिखलाते हैं।
जैसे - दक्षिण भारत में लोग हिन्दी भाषा के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्ति बनाए हुए हैं जिससे अखबारों में हमेशा हिंदी को लेकर मनमुटाव की खबरें आती रहती हैं।
6. साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह (Communal prejudice)
साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह से तात्पर्य किसी समुदाय के प्रति दूसरे समुदाय के लोगों की मनोवृत्ति से होता है।
जैसे - भारत में तीन समुदाय अर्थात हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख की मनोवृत्ति एक-दूसरे के प्रति अधिक तीक्ष्ण है।
जिसके परिणामस्वरूप समय-समय पर हिन्दू - मुस्लिम में साम्प्रदायिक दंगे तथा पंजाब में हिन्दू - सिक्खों में साम्प्रदायिक दंगे देखे जाते हैं।
7. क्षेत्रीय पूर्वाग्रह (Regional prejudice)
भारत जैसे देश में हमें क्षेत्रीय पूर्वाग्रह का भी उदाहरण मिलता है जैसे - शहर में रहने वाले व्यक्ति अपने आप को बुध्दिमान, चतुर तथा आधुनिक समझते हैं जबकि गांव में रहने वाले व्यक्ति को मंदबुद्धि, नासमझ एवं बेवकूफ समझते हैं।
8. धर्म से संबंधित पूर्वाग्रह (prejudice related to Religion)
धर्म से संबंधित पूर्वाग्रह में व्यक्ति अपने धर्म के व्यक्तियों के प्रति स्वीकारात्मक मनोवृत्ति तथा दूसरे धर्म के व्यक्तियों के प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति रखता है।
9. राजनीति से संबंधित पूर्वाग्रह (prejudice related to Politics)
राजनीति से संबंधित पूर्वाग्रह में राजनैतिक दल के सदस्य अपने दल के सिध्दांतों, नियमों एवं आदर्शों को श्रेष्ठ समझकर आपस में एकता दिखलाते हैं और अन्य दलों को भ्रष्टाचारी और गिरा हुआ समझकर वैर-भाव रखते हैं।
इस तरह के पूर्वाग्रह का विकास स्पष्टतः राजनैतिक स्वार्थों के कारण होता है।
पूर्वाग्रह तथा विभेद को कम करने के उपाय
पूर्वाग्रह एक ऐसी मनोवृत्ति है जिसका सामाजिक कुप्रभाव स्पष्ट रूप से हमें देखने को मिलता है पूर्वाग्रह के कारण अन्तर्वैयक्तिक संघर्ष, जातीय दंगे आदि प्रायः देखने को मिलते हैं। अतः समाज मनोवैज्ञानिकों ने कुछ विधियों का वर्णन किया है जिसके द्वारा पूर्वाग्रह और उससे उत्पन्न भेदभाव को आसानी से कम किया जा सकता है।
1. अन्तर समूह सम्पर्क (interpersonal contact)
जब पूर्वाग्रही व्यक्ति तथा लक्षित व्यक्ति, जो पूर्वाग्रह का निशाना बनता है एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं तो पूर्वाग्रही व्यक्ति को उनके बारे में समझने का अधिक मौका मिलता है। फलस्वरूप लक्षित व्यक्ति के बारे में बहुत सारी गलतफहमियां अपने आप दूर हो जाती है और व्यक्ति में पूर्वाग्रह कम हो जाती है।
2. शिक्षा (education)
पूर्वाग्रह को कम करने के लिए शिक्षा औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों ढंग से दी जानी चाहिए। अनौपचारिक शिक्षा माता पिता, परिवार के सदस्यों एवं पास पड़ोस द्वारा बच्चों को दी जाती है इन लोगों को चाहिए कि बच्चों के सामने ऐसी बातें नहीं करें जिससे वे किसी समूह या वर्ग के लोगों के प्रति पूर्वाग्रहित हो जाएं।
औपचारिक शिक्षा का संबंध स्कूल, कालेज, मदरसा आदि में दी जाने वाली शिक्षा से है। इन संस्थानों के शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को ऐसी शिक्षा नहीं दें जिससे उनमें किसी प्रकार की पूर्वाग्रह की वृध्दि हो।
शिक्षा का स्तर ऊंचा होने से व्यक्ति में पूर्वाग्रह की मात्रा कम हो जाती है क्योंकि शिक्षा से व्यक्ति में उदारता बढ़ती है।
3. पूर्वाग्रह विरोधी प्रचार (Anti prejudice propaganda)
पूर्वाग्रह के विरोध में रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि से किया गया प्रचार पूर्वाग्रह को कम करने में काफी सहायक हुआ है।
4. असंगत भूमिका (incongruent role)
जब व्यक्ति को ऐसी भूमिका करने के लिए कहा जाता है जो उसकी पूर्वाग्रह से मेल जोल न खाकर उसके ठीक विपरित होता है तो कुछ समय बाद व्यक्ति की मनोवृत्ति बदल जाती है और उसकी पूर्वाग्रह में कमी आ जाती है।
उदाहरण - यदि उच्च जाति के एक ऐसे व्यक्ति को जो दलितों के प्रति पूर्वाग्रही है कल्याण मंत्री या मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो कुछ ही समय बाद उस व्यक्ति की दलितों के प्रति मनोवृत्ति बदल जायेगी और उसमें पूर्वाग्रह की मात्रा काफी कम हो जायेगी।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कल्याण मंत्री या मुख्यमंत्री होकर उसके लिए भेदभाव करना एक अशोभनीय तथा गैरकानूनी कार्य होगा।
5. सामाजिक विधान (social legislation)
पूर्वाग्रह को कम करने में तरह तरह के सामाजिक विधान की भूमिका भी सराहनीय है जब सरकार पूर्वाग्रह नियंत्रण सम्बन्धी कोई विशेष विधान या कानून बनाती है तो इससे सामाजिक वातावरण में कुछ ऐसा परिवर्तन आता है जिससे पूर्वाग्रह में कमी आ जाती है।
जैसे - भारत सरकार ने सामाजिक विधान बनाकर छुआछूत को गैरकानूनी घोषित किया जिसके परिणामस्वरूप दलितों से छुआछूत संबंन्धी पूर्वाग्रह अब लगभग समाप्त हो गयी है।
इसी तरह के जातीय पूर्वाग्रह को कम करने के लिए भारत सरकार ने अन्तरजातीय विवाह को कानूनी घोषित किया और इस विधान को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए अन्तरजातीय विवाह करने वाले व्यक्ति को आर्थिक प्रोत्साहन देने की भी बात की।
इसी तरह से महिलाओं तथा विकलांगों के प्रति पूर्वाग्रह को कम करने के लिए भारत सरकार ने अनेकों तरह के सामाजिक विधान बनाये हैं एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर उनका सामाजिक आर्थिक स्तर ऊंचा करने का प्रयास किया है।
6. अलगाव विरोधी नीति (Anti segregation policy)
हमारे समाज में आज भी अलगाव की नीति काफी प्रचलित है जिससे कुछ पूर्वाग्रहों का सम्पोषण हो रहा है।
जैसे - आज भी देखा जा रहा है कि दलितों के प्रति अलग आवासीय योजना चलायी जा रही है। इससे तो दलितों के प्रति पहले से चली आ रही पूर्वाग्रह और भी मजबूत हो जायेगी। सरकार को चाहिए कि पृथक् गृह योजना की जगह समाकलित गृह परियोजना चलायी जाय।
उसी तरह से सरकारी नौकरियों में आरक्षण का आधार जाति या वर्ग न हो तो अच्छा है क्योंकि ऐसा होने से जातीय पूर्वाग्रह का सम्पोषण होता है। आरक्षण का आधार कोई ऐसी कसौटी हो जिससे सभी जाति के लोगों को बराबर लाभ मिले। तब इससे स्वायतः जातीय पूर्वाग्रह में कमी आयेगी।
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